This Surah, named after its first verse, parallels Surah As-Saffat. It highlights the continuity of prophethood and resistance against polytheism.
सूरह साद - दिव्य पाठ की सु ंदरता और आध्यात्मिक उन्नति
अबू रुकय्या, क़ुरआनप्लेयरएमपी3.कॉम के सह-संस्थापक
मेरा इश्क़ अल्लाह और उसके रसूल (सलल्लाहु अलैहि वसल्लम) से मेरे धर्म को प्रबल करता है, मुझे धर्मपथ पर मार्गदर्शन करता है। इस भक्ति से मेरे जीवन को समृद्ध करने का काम जारी रहे।